गले में कफ के कारण
आमतौर पर आपके आसपास के वातावरण में बदलाव होने पर गले में कफ की समस्या होती है। गले में कफ की समस्या के लिए एलर्जी जिम्मेदार होती है, जो एक सामान्य कारण है। मौसमी एलर्जी भी गले में कफ का कारण बनती है। इस दौरान पौधे पोलेन छोड़ते हैं, जो खांसी और कफ के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन पोलेन्स को बाहर निकालने के लिए बॉडी अधिक मात्रा में कफ बनाती है।
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गले मे खराश और कफ जमना |
सर्दियां या ठंडी हवा गले में कफ का एक बड़ा कारण होती है। ठंडी हवा लेना या रूखी नमी रहित हवा हमारी नाक और गले में खुजली पैदा करती है। इस स्थिति में नमी देने के लिए हमारी बॉडी कफ बनाती है, जो गले में कफ का कारण बनता है। यह कफ श्वास नलियों को गर्माहट और नमी देता है, जिससे जलन कम होती है।
हालांकि, सर्दियों के मौसम में वायरल इंफेक्शन जैसे फ्लू, साइनस इंफेक्शन और सामान्य सर्दी जुकाम होता है। यह इंफेक्शन कई लक्षणों जैसे गले में कफ के लिए जिम्मेदार होते हैं।
बैक्टीरिया को बॉडी से बाहर निकालने के लिए शरीर अधिक मात्रा में कफ बनाता है। यह असहज हो सकता है, लेकिन असल में यह एक संकेत होता है कि शरीर स्वस्थ रहने के लिए कार्य कर रहा है।
1. गले में कफ के कुछ अन्य कारण
2. अधिक मसालेदार भोजन खाना
3. प्रेग्नेंसी
4. नाक में कुछ फंस जाना
5. परफ्यूम्स, क्लीनिंग प्रोडक्ट्स या पर्यावरण में फैला धुआं, जिसमें जलन पैदा करने वाले कैमिकल्स होते हैं
6. गर्भनिरोधक और ब्लड प्रेशर की दवाइयां
7. क्रोनिक रेस्पिरेटरी की समस्या जैसे सीओपीडी
8. नाक का कफ जब वॉल और नथुनों के बीच से हट जाता है, तो इसके बीच कुछ बलगम बच जाता है। बॉडी के लिए इसे उचित ढंग से बाहर निकाल पाना मुश्किल हो जाता है।
9. इस स्थिति में यह बचे हुए बलगम में बैक्टीरिया पड़ जाएं और साइनस या ईयूस्टैचिन ट्यूब में फंसा रह जाए तो संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इओस्टेचिन ट्यूब एक कैनाल है, जो गले को कान के मध्य हिस्से से जोड़ती है।
10. इस स्थिति से बचने के लिए शुरुआती दौर में गले में कफ के लक्षण नजर आते ही इसका इलाज होना चाहिए। यदि गले में कफ 10 दिन से अधिक रहता है तो लोगों को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
गले में कफ के रामबाण उपाय।
1. ह्यूमिडफायर का इस्तेमाल:
घर की हवा को स्वच्छ रखने से गले के कफ को ढीला करने में मदद मिलती है। इससे यह गले से आसानी से बाहर आ जाता है।
2. नमक के पानी से गरारा:
आधे या 1-2 कप में आप आधा या 3/4 टी स्पून नमक मिलाकर इससे गरारा कर सकते हैं। इससे एलर्जी से गले के कफ को ढीला करने में मदद मिलेगी। आप साइनस की स्थिति में गले में कफ की समस्या में भी यह तरीका अपना सकते हैं।
3. यूकेलिप्टस ऑयल :
यूकेलिप्टस एक एसेंशल ऑयल है, जो सीने और गले में कफ को ढीला करता है। यह विक्स वेपोरब जैसे प्रोडक्ट्स के समान ही कार्य करता है।
4. ओवर-दि-काउंटर दवाइयां :
यदि आपके गले में कफ काफी जकड़ गया है तो आप ओवर-दि-काउंटर दवा म्युसिनेक्स का इस्तेमाल कफ को ढीला करने में कर सकते हैं। ऐसा होने पर यह खांसी के जरिए आसानी से गले से बाहर आ जायेगा। हालांकि, यह दवा बच्चों और बड़ों के लिए अलग फॉर्म्युलेशन में आती है।
5. कैफीन को कम करें:
कैफीन वाले बेवरेज प्रोडक्ट्स बॉडी में पानी की कमी करते हैं। यहां तक कि एल्कोहॉल भी समान प्रभाव डालता है। यदि आपको गले में कफ की समस्या है तो इस स्थिति में दोनों ही तरह के प्रोडक्ट्स से दूरी बनाकर रखें। जितना संभव हो सके उतना पानी पिएं, जिससे आपकी बॉडी हाइड्रेट रहेगी।
6. सिर के नीचे तकिया रखें: रात में सोते वक्त अक्सर लोगों के गले में कफ की समस्या बढ़ जाती है। लोगों को सोने में दिक्कत होती है। इस स्थिति में आपको अपना सिर बॉडी के मुकाबले थोड़ा ऊपर रखना है। ऐसा करने से गले और श्वास नली से बलगम नीचे की तरफ चला जाता है।
7. पानी पिएं: गले में कफ की समस्या में बॉडी से पानी पकी मात्रा कम हो जाती है, जिसके चलते सूखा बलगम बनने लगता है। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से गले में कफ पतला हो जाता है, जिससे यह आसानी से बाहर आ जाता है और बॉडी डीहाइड्रेट नहीं होती है। हालांकि, गर्म चाय इस समस्या में थोड़ा राहत देते हैं। आप साइनस को साफ करने के लिए भाप भी ले सकते हैं।
यदि आपको भी गले में कफ की समस्या परेशान कर रही है तो अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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